महात्मा गांधी के बाद उनके परिवार का क्या हुआ?

कुमार हिन्‍दुस्‍तानी कहिन - मेरी भी सुनो
साभार भड़ास मीडिया विचार

नाम : मोहनदास करमचंद गांधी। उपनाम : बापू, संत, राष्ट्रपिता, महात्मा गांधी। जन्मतिथि : 2 अक्तूबर 1869। जन्म स्थान : पोरबंदर, गुजरात। विशेष : भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अंहिसक और शांतिप्रिय प्रमुख क्रांतिकारी, जन्मदिन पर राष्ट्रीय अवकाश, भारतीय मुद्रा पर फोटो, सरकारी कार्यालयों में तस्वीर। बचपन से ही विद्यालयों में बच्चों को बापू के बारे में बताया जाता है और उनकी जीवनी रटाई जाती है। दे दी हमें आजादी बिना खडग़ बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल। गाना भी हिंदुस्तानियों की जुबां पर सुना जा सकता है। लेकिन नाम गुम जाएगा चेहरा ये नजर आएगा... कहावत आज बापू पर चरितार्थ होती दिख रही है। बस फर्क इतना है कि नाम गांधी जयंती पर याद आता है और चेहरा कभी कभार नोट को ध्यान से देखने पर दिखता है। इतनी जानकारी आज स्वतंत्र भारत में अधिकांशत : हर पढ़े-लिखे व्यक्ति को पता है। गांधी की जीवनी बचपने में पढऩे के बाद हर वर्ष 2 अक्तूबर को राष्ट्रीय अवकाश वाले दिन भी गांधी से संबंधित कई लेख पढऩे को मिल जाते हैं। लेकिन महात्मा गांधी के बाद उनके परिवार का क्या हुआ? उनके कितने बच्चे थे? आज उनके परिवार के सदस्य जीवित भी हैं या नहीं? उनके परिवार की कितनी पीढिय़ां आज मौजूद हैं? वे क्या कर रहीं हैं? कहां हैं? कितने सदस्य हैं? जैसे तमाम सवाल हैं जिनका जवाब पढ़े-लिखे तो क्या विशेषज्ञों और पीएचडी धारकों को भी नहीं पता होंगे। लेकिन आज आपको बताते हैं महात्मा गांधी के परिवार की मौजूदा स्थिति के बारे में। इंटरनेट की एक वेबसाइट की मानें तो बापू के पौत्र, प्रपौत्र और उनके भी आगे के वंशज आज विश्व में छह देशों में निवास कर रहे हैं। जिनकी कुल संख्या 136 सदस्यों की है। हैरानी होगी यह सुनकर कि इनमें से 12 चिकित्सक, 12 प्रवक्ता, 5 इंजीनियर, 4 वकील, 3 पत्रकार, 2 आईएएस, 1 वैज्ञानिक, 1 चार्टड एकाउंटेंट, 5 निजी कंपनियों मे उच्चपदस्थ अधिकारी और 4 पीएचडी धारी हैं। इनमें सबसे ध्यान देने योग्य बात यह है कि मौजूदा परिवार में लड़कियों की संख्या लड़कों से काफी ज्यादा है। आज उनके परिवार के 136 सदस्यों में से 120 जीवित हैं। जो भारत के अलावा अमेरीका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और इंग्लैंड में रहते हैं। बापू के बारे में : महात्मा गांधी के पिता का नाम करमचंद्र और माता का नाम पुतलीबाई था। अपने परिवार में सबसे छोटे बापू की एक सबसे बड़ी बहन और दो बड़े भाई थे। इनकी सबसे बड़ी बहन रलियत, फिर भाई लक्ष्मीदास और भाभी नंद कुंवरबेन, भाई कृष्‍णदास और भाभी गंगा थीं। बापू का परिवार : सबसे बड़े पुत्र हरिलाल (1888-18 जून 1948) का ब्याह गुलाब से हुआ। जबकि दूसरे पुत्र मणिलाल (28 अक्तूबर 1892- 4 अप्रैल 1956) की पत्नी का नाम सुशीला था। तीसरे पुत्र रामदास (1897-1969) की शादी निर्मला से हुआ। जबकि चौथे और अंतिम पुत्र देवदास (1900-1957) की पत्नी लक्ष्मी थीं। वंशावली दूसरी पीढ़ी से - रामिबेन गांधी-कवंरजीत परिख ए. अनसुया परिख-मोहन परिख क. राहुल परिख-प्रभा परिख ख. लेखा-नरेन्द्र सुब्रमण्यम अवनी व अक्षय अमल 2. सुधा वजरिया-व्रजलाल वजरिया क. मनीषा-राजेश परिख ख. पारुल-निमेष बजरिया नील व दक्ष अनेरी व सार्थक ग. रवि वजरिया-शीतल वजरिया आकाश व वीर 3. प्रबोध परिख-माधवी परिख क. सोनल-भरत परिख ख. पराग-पूजा परिख रचना व गौरव प्राची व दर्शन 4. नीलम परिख-योगेन्द्र परिख क. समीर परिख-रागिनी पारिख सिद्धार्थ, पार्थ व गोपी - कांतिलाल गांधी-सरस्वती गांधी क. शांतिलाल-सुझान गांधी अंजली, अलका , अनिता व एना 2. प्रदीप गांधी-मंगला गांधी प्रिया व मेघा -रसिकलाल गांधी -मनुबेन गांधी-सुरेन्द्र मशरूवाला 1. उर्मि देसाई-भरत देसाई क. मृणाल देसाई-आरती देसाई ख. रेणू देसाई -शांतिलाल गाँधी -सीता गांधी-शशीकांत धुबेलिया 1. कीर्ति मेनन-सुनील मेनन सुनीता 2. उमा मिस्त्री-राजेन मिस्त्री सपना 3. सतीश धुपेलिया-प्रतिभा धुपेलिया मीशा, शशिका व कबीर -अरुण गांधी-सुनंदा गांधी क. तुषार गांधी-सोनल गांधी ख. अर्जना प्रसाद- हरि प्रसाद विवान व कस्तूरी अनिष व परितोष -इला गांधी-मेवालाल रामगोबिन क. कृष गाँधी ख. आरती रामगोबिन ग. केदार रामगोबिन-मृणाल रामगोबिन घ. आशा रामगोबिन ड़. आशिष रामगोबिन-अज्ञात मीरा व निखिल -सुमित्रा गांधी-गजानन कुलकर्णी 1. सोनाली कुलकर्णी 2. श्रीकृष्ण कुलकर्णी-नीलू कुलकर्णी विष्णु 3. श्रीराम कुलकर्णी-जूलिया कुलकर्णी शिव -कहान गांधी-शिव लक्ष्मी गांधी -उषा गोकाणी-हरीश गोकाणी 1. संजय गोकाणी-मोना गोकाणी नताशा व अक्षय 2. आनंद गोकाणी-तेजल गोकाणी करण व अर्जुन -रामचंद्र गांधी-इंदू गांधी लीना गाँधी -तारा भट्टाचार्य-ज्योति भट्टाचार्य 1. विनायक भट्टाचार्य-लूसी भट्टाचार्य इण्डिया अनन्या, अनुष्का तारा व एंड्रीया लक्ष्मी 2. सुकन्या भरतराम-विवेक भरतनाम अक्षर विदूर -राजमोहन गांधी-उषा गांधी 1. देवव्रत गांधी 2. सुप्रिया गाधी -गोपाल कृष्ण गांधी-तारा गांधी 1. अनिता गांधी 2. दिव्या गांधी 3. रुस्तम मणिया