आप ने जीता विश्वास मत, अब होगी असली परीक्षा



आशा के अनुरूप दिल्ली विधानसभा में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया। इससे पहले सदन में मंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा पेश विश्वास मत पर चर्चा में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आमराय से सरकार चलाने की मंशा जतायी। उन्होंने कहा, उनकी किसी पार्टी से दुश्मनी नहीं है। उनका रुख चुनाव प्रचार और परिणाम आने के बाद के एलान से बदला हुआ है जिसमें उन्होंने कांग्रेस और भाजपा के लिए सख्त अल्फाज इस्तेमाल करते हुए उनके भ्रष्ट नेताओं को जेल तक भेजने की बात कही थी। केजरीवाल ने सभी दलों से साथ मिलकर आम आदमी की समस्याओं को दूर करने का आह्वान किया।
अपने करीब आधा घंटे के नपे-तुले भाषण में केजरीवाल ने 65 साल की शासन व्यवस्था पर प्रहार किया। कहा, विकास के नाम पर खर्च हुआ धन कहां गया। आम आदमी परेशान है। उन्होंने कहा, राजनीति भ्रष्ट हो गई है इसलिए देश का आम आदमी समस्याओं से घिरा हुआ है। दिल्ली की जनता ने भ्रष्ट राजनीति को उखाड़ फेंकने की शुरुआत की है। केजरीवाल ने स्वराज की कल्पना को साकार करने के लिए सभी दलों से समर्थन मांगा।
इससे पहले विपक्ष के नेता हर्षवर्धन ने आप सरकार पर सत्ता के लिए भ्रष्ट कांग्रेस से हाथ मिलाने का आरोप लगाया। कहा, जो अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी चुनाव प्रचार में कांग्रेस के भ्रष्टाचार की बात करते थे, वही अब मुख्यमंत्री बनने के बाद पूर्व सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों पर चुप हो गए हैं। भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी और आम आदमी पार्टी द्वारा कश्मीर में जनमत संग्रह कराने और उसे आजाद करने, बटला हाउस एनकाउंटर को फर्जी बताने आदि कई अन्य मामलों को गिनाकर केजरीवाल से माफी मांगने को कहा।
कांग्रेस की ओर से बोलते हुए विधायक एवं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा, आप की सरकार यदि जनता के हित में काम करती रहेगी तो वह विश्वास दिलाते हैं कि उनकी पार्टी पूरे पांच साल केजरीवाल का समर्थन करेगी। इसलिए सरकार निश्चिंत होकर अच्छा कार्य करे। मुफ्त पानी और बिजली दरों में रियायत के मुद्दों पर लवली ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने सब्सिडी के हेड को बदलने का जो कार्य किया है, वह गलत है। इस आशय का फैसला सदन में होना चाहिए था- जो बजट परंपरा है। लवली ने सरकार से भ्रष्टाचार पर कड़े कदम उठाने की अपील की। चर्चा के बाद विश्वास मत के समर्थन में 37 और विरोध में 32 मत पड़े। 28 सदस्यों वाली आप को कांग्रेस के सात सदस्यों का समर्थन मिला। जदयू विधायक शोएब इकबाल और निर्दल विधायक रामबीर शौकीन भी सरकार के साथ खड़े हुए।